Wednesday, August 3, 2011

प्रो ० मधुकर श्याम चतुर्वेदी का दुखद निधन


आल इंडिया पालिटिकल साइंस एसोशियेशन के महामंत्री एवं राजनीति विज्ञान के उदभट विद्वान् प्रो मधुकर श्याम चतुर्वेदी का असामयिक निधन गत १ अगस्त २०११ को हो गया । वे ब्लड कैंसर से पीड़ित थे ।
डा ० चतुर्वेदी राजस्थान विश्वविद्यालय ,जयपुर में आचार्य थे । वे एक अत्यंत मृदुभाषी एवं सौम्य व्यक्तित्व थे । अकादमिक गतिविधियों को वे सदैव प्रोत्साहित करते रहते थे एवं सेमिनारों में अपनी बीमारी के बाद भी सक्रियता से सहभागिता करते थे। वे एक मौलिक चिन्तक एवं प्रभावी वक्ता थे । उनका निधन राजनीति विज्ञान जगत की एक अपूरणीय क्षति है ।(चित्र में डा ०चतुर्वेदी के साथ डा० आदित्य कुमार ,
अध्यक्ष उ ० प्र ० राजनीति विज्ञान परिषद् )

उत्तर प्रदेश राजनीति विज्ञान परिषद् ,परिवार उनके इस असामयिक निधन पर अत्यंत स्तब्ध एवं शोकाकुल है एवं परम पिता परमात्मा से उनकी आत्मा की चिर शांति तथा दुखी परिवार को इस आपत्ति को सहन करने की सामर्थ्य प्रदान करने हेतु प्रार्थना करता है ।
ॐ ...... शांति .....शांति ।

डा आदित्य कुमार
अध्यक्ष
डा कपिल बाजपेयी
सेक्रेटरी
. प्र राजनीति विज्ञान परिषद् .

Tuesday, March 15, 2011

उ ० प्र ० राजनीति विज्ञान परिषद् कार्यकारिणी की बैठक

  1. 'उत्तरप्रदेशराजनीतिविज्ञान परिषद्' की प्रदेशीय कार्यकारिणी की एक बैठक दिनांक-13 मार्च 2011 कोदयानन्द वैदिकस्नातकोत्तरमहाविद्यालय, उरईमेंसम्पन्नहुई।


(बांये से -- डॉ0 कपिल वाजपेयी, डॉ0 राजीव रतन द्विवेदी, डॉ0 आदित्य कुमार)
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बैठक
की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष डॉ0 आदित्य कुमार ने की। परिषद् के महामंत्री डॉ0 कपिल वाजपेयी, डी0 0 वी0 कॉलेज, कानपुर ने बताया कि गत् वर्ष के निर्वाचन के बाद नवीन कार्यकारिणी ने लगभग मृतप्राय पड़े इस संगठन को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया है। इस क्रम में परिषद के पंजीकरण का नवीनीकरण कराया गया है। परिषद की ओर से प्रकाशित होने वाले जर्नल को भी फिर से प्रकाशित किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। इस हेतु एक कदम आगे बढ़ाते हुए इसके लिए अनिवार्यतः माना जाने वाला आई0 एस0 एस0 एन0 (ISSN) भी प्राप्त कर लिया गया है। शीघ्र ही यह जर्नल प्रकाशित होकर पाठकों के समक्ष होगा। उन्होंने आगे बताया कि प्रदेश भर में जहां कहीं भी सेमीनार/गोष्ठियां आदि हो रहे हैं वहां परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री के पहुंचने का प्रयास करते हैं और अभी तक यथासम्भव लगभग सभी स्थानों पर उपस्थित भी हुए हैं।


(बांये से -- डॉ0 कपिल वाजपेयी, डॉ0 राजीव रतन द्विवेदी, डॉ0 आदित्य कुमार)
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अध्यक्ष
डॉ0 आदित्य कुमार ने कहा कि किसी भी संस्था को जीवन्त बनाने के लिए सदस्यों के बीच आपसी संवाद तथा सहयोग आवश्यक है। इसी उद्देश्य से प्रदेश के विभिन्न अंचलों में परिषद की कार्यकारिणी की बैठक आयोजित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। परिषद एवं उसके सदस्यों के अकादमिक क्रियाकलापों एवं उपलब्धियों को इंटरनेट पर परिषद की बेबसाइट (www.uppolscience.com) तथा ब्लॉग U.P. Political Science Association (http://uppolscience.blogspot.com) के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा है। इससे परिषद के सदस्यों के साथ-साथ अधिसंख्यक लोगों को परिषद की गतिविधियों की जानकारी प्राप्त हो सके।


(बांये से-- डॉ0 किशन यादव, डॉ0 शशि पुरवार,
डॉ
0 कपिल वाजपेयी, डॉ0 राजीव रतन द्विवेदी)
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डॉ
0 भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ के राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ0 रिपुसूदन सिंह ने परिषद की अब तक की कार्यप्रणाली पर संतोष व्यक्त किया तथा इसे और अधिक सक्रिय बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।


(बांये से-- डॉ0 प्रवीण कुमार, डॉ0 रिपुसूदन सिंह, डॉ0 किशन यादव)
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बैठक
में परिषद के उपाध्यक्ष, डॉ0 प्रवीण कुमार, मेरठ, झांसी से डॉ0 किशन यादव, कालपी से डॉ0 शशि पुरवार तथा बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय शिक्षक संघ-बूटा- के अध्यक्ष डॉ0 राजीव रतन द्विवेदी ने भी अपने सम्बोधन के माध्यम से सुझाव व्यक्त किये। इस अवसर पर सुभाष चन्द्रा, राघवेन्द्र द्विवेदी, डॉ0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर भी उपस्थित रहे। बैठक के अन्त में परिषद के अध्यक्ष डॉ0 आदित्य कुमार ने सभी कार्यकारिणी सदस्यों को स्मृति-भेंट प्रदान की।


(स्मृति भेंट स्वीकारते डॉ0 कपिल वाजपेयी)
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(स्मृति भेंट स्वीकारते डॉ0 प्रवीण कुमार)
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(स्मृति भेंट स्वीकारते डॉ0 राजीव रतन द्विवेदी)
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(स्मृति भेंट स्वीकारतीं डॉ0 शशि पुरवार)
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(स्मृति भेंट स्वीकारते डॉ0 रिपुसूदन सिंह)
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(स्मृति भेंट स्वीकारते डॉ0 किशन यादव)

Wednesday, March 2, 2011

दयानद वैदिक कालेज उरई में राष्ट्रीय सेमिनार

दयानंद वैदिक कालेज उरई में दिनांक १३-१४ मार्च २०११ को
वैश्विक परिपेक्ष्य में आतंकवाद की अवधारणा और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव

विषय पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग , नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय अंतर्विषयक अखिल भारतीय शोध सेमिनार का आयोजन करने जा रहा है ! जिसमे सभी शिक्षकों व शोधार्थियों की सहभागिता आमंत्रित है .सेमिनार के आयोजन सचिव डा ० वीरेंद्र सिंह यादव है ।
मो-09415924888
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अम्बेदकर दर्शन पर राष्ट्रीय सेमिनार


डॉ0 भीमराव अम्बेडकर का सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक दर्शन
(सर्व धर्म समभाव के विशेष संदर्भ में)
डॉ0 भीमराव अम्बेडकर अध्ययन केन्द्र द्वारा आयोजित
तथा
यूजीसी द्वारा राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी
स्थान- कालपी कॉलेज, उत्तर प्रदेश
दिनांक - 01-02 मार्च २०११
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‘‘वर्तमान में भी डॉ0 अम्बेडकर के विचारों की प्रासंगिकता समाप्त नहीं होती है वरन् आज के सामाजिक संदर्भों में उनकी प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है। जब तक मानव जाति रहेगी तब तक उनके विचारों का महत्व कम नहीं होगा, यह और बात है कि हम उनके विचारों को आत्मसात नहीं कर पा रहे हैं।’’ उक्त विचार बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के राजनीतिविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ0 रिपुसूदन सिंह ने कालपी कॉलेज, कालपी के दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये।

डॉ0 रिपुसूदन सिंह
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उत्तर
प्रदेश के कालपी कॉलेज में स्थित डॉ0 भीमराव अम्बेडकर अध्ययन केन्द्र द्वारा आयोजित तथा यूजीसी द्वारा प्रायोजित डॉ0 भीमराव अम्बेडकर का सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक दर्शन-सर्व धर्म समभाव के विशेष संदर्भ में विषयक सेमिनार को सम्बोधित करते हुए डॉ0 रिपुसूदन सिंह ने कहा कि बाबा साहब ने समाज को दिशा देने का कार्य किया और धर्म आधारित व्यवस्था का विरोध किया।

सेमिनार के उद्घाटन सत्र पर मंचासीन अतिथि
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वेदान्त कॉलेज, लखनऊ से आये डॉ0 ब्रजेश कुमार ने कहा कि किताबी ज्ञान की नहीं आज व्यावहारिक ज्ञान की आवश्यकता है। बाबा साहब ने इसे प्रमाणित भी किया था।

डॉ0 ब्रजेश कुमार
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महाविद्यालय के प्रबन्धक डॉ0 अरुण महरोत्रा ने कहा कि कालपी की पावनता और ऐतिहासिकता को अंग्रेजों ने नष्ट कर दिया था उसी तरह से डॉ0 अम्बेडकर के विचारों का गलत उपयोग भारतीय अंग्रेजों ने किया। उनके मूल्यों और सिद्धान्तों को वर्तमान में राजनैतिक स्वार्थपूर्ति के लिए उपयोग किया जा रहा है।

महाविद्यालय के प्रबंधक -- डॉ0 अरुण महरोत्रा
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प्रथम तकनीकी सत्र पर मंचासीन अतिथि
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प्रथम तकनीकी सत्र में दयानन्द वैदिक स्नातकोत्तर महाविद्यालय के राजनतिविज्ञान विभागाध्यक्ष तथा 0प्र0 राजनीतिविज्ञान परिषद के अध्यक्ष डॉ0 आदित्य कुमार ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बाबा साहब के सम्पूर्ण चिन्तन को स्वतन्त्रता, समानता और बंधुत्व जैसे तीन शब्दों में समाहित किया जा सकता है। उनको आज इसी रूप में प्रासंगिक भी माना जा सकता है।

0प्र0 राजनीतिविज्ञान परिषद के अध्यक्ष डॉ0 आदित्य कुमार
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डॉ0 अम्बेडकर विचारधारा के प्रबल प्रचारक डॉ0 रामाधीन ने विचार व्यक्त करते हुए डॉ0 भीमराव अम्बेडकर के सम्पूर्ण जीवन-चरित्र पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वे मानवीय पक्ष के समर्थक थे और इसी कारण से उन्होंने आरक्षण की दुर्दशा को देखते हुए इसका विरोध भी किया था। आज उन्हीं का समर्थक होने का दावा करने वाले बाबा साहब के विचारों का उपहास उड़ा रहे हैं।

डॉ0 रामाधीन
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सेमिनार में साकेत महाविद्यालय, फैजाबाद के डॉ0 मनोज, उ0प्र0 राजनीति विज्ञान परिषद् के मंत्री डॉ0 कपिल वाजपेयी, डीएवी कानपुर के डॉ0 योगेन्द्र प्रताप सिंह, एम0पी0 कॉलेज कोंच के डॉ0 टी0आर0निरंजन, डॉ0 जयशंकर तिवारी, डी0वी0कॉलेज, उरई के डॉ वीरेन्द्र सिंह यादव, गांधी महाविद्यालय, उरई के डॉ0 राकेश नारायण द्विवेदी, डॉ0 शिवशंकर पटेल, डॉ0 सुमन, डॉ0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर, समाजसेवी सुभाष चन्द्रा सेमिनार में उपस्थित रहे।

संचालन करती डॉ0 शशि पुरवार
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इसके
पूर्व सेमिनार में विषय प्रवर्तन कॉलेज के डॉ0 एम0 सिंह ने किया तथा संचालन डॉ0 शशि पुरवार ने किया। सेमिनार में आये अतिथियों का स्वागत कॉलेज के प्राचार्य डॉ0 धर्मेन्द्र सिंह ने किया। उन्होंने अपने स्वागत भाषण के द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया।

कॉलेज के प्राचार्य डॉ0 धर्मेन्द्र सिंह
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आभार प्रदर्शन कॉलेज की प्रबन्धकारिणी के सदस्य डॉ0 मैहर जी ने किया।

कॉलेज की प्रबन्धकारिणी के सदस्य डॉ0 मैहर
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अतिथियों का स्वागत
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सेमिनार
में महाविद्यालय के डॉ0 डी0पी0 सिंह, डॉ0 मधुप्रभा, डॉ0 सुधा गुप्ता, डॉ0 कौशल्या, डॉ0 राधारानी, डॉ0 रीता सिंह, डॉ0 संतोष पाण्डेय, डॉ0 विनीत, डॉ0 सोमचन्द्र, डॉ0 पंकज, डॉ0 अमित आदि सहित महाविद्यालय के समस्त कर्मचारी, मीडियाकर्मी, नगर के गणमान्यजन उपस्थित रहे।

Sunday, January 2, 2011

मंगलमय हो नव वर्ष


राजनीति विज्ञान के समस्त शिक्षकों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें
सूर्य की पहली किरण आपको मिले;
धुंध में भी आचरण आपको मिले ;
है कामना यही इस अंतर्हृदय की ,
सफलता का हर चरण आपको मिले
डा ० आदित्य कुमार
अध्यक्ष .उ ० प्र ० राजनीति विज्ञान परिषद