Saturday, February 6, 2010

उत्तर प्रदेश राजनीति विज्ञान परिषद् - एक परिचय

राजनीति विज्ञान के कुछ समर्थ और समर्पित प्राध्यापकों के प्रयासों से उ0प्र0 राजनीति विज्ञान परिषद की स्थापना वर्ष 1980 में डी0 ए-वी0 कालेज, बुलन्दशहर में हुई। प्रथम सम्मेलन में प्रो0 जे0 पी0 सूद, प्रो0 पी0 डी0 गुप्ता, प्रो0 परमात्मा शरण, प्रे0 एस0 ए0 एच0 हक्की, डा0 जी0 के0 गहराना, प्रो0 आई0 एन0 तिवारी, प्रो0 ए0 एफ0 उस्मानी, प्रो0 पी0 डी0 कौशिक, प्रो0 बर्थवाल, प्रो0 ए0 पी0 शर्मा, प्रो0 एच0 एन0 त्रिपाठी, डा0 एन0 विद्यार्थी, डा0 विमलापुरी, डा0 जे0 एन० लाल, वीरेन्द्र शर्मा आदि प्रसिद्ध राजनीति वैज्ञानिक उपस्थित थे। उसके साथ ही प्रो0 रजनी कोठारी, प्रो0 विमला प्रसाद, के0 के0 मिश्र, प्रो0 के0 एस0 सक्सेना, प्रो0 परिमल कुमार दास, स्व0 श्री मधुलिमये, श्री बसंत साठे, (केन्द्रीय मंत्री), श्री अशोक वाजपेई तथा त्रिलोक चन्द्र (दोनों प्रदेश मंत्री) इस सम्मेलन में उपस्थित थे। इस सम्मेलन में प्रो0 आई0 एन0 तिवारी (मेरठ विश्वविद्यालय) को महासचिव चुना गया।
1981 में परिषद का द्वितीय सम्मेलन मेरठ विश्वविद्यालय परिसर में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन का उद्घाटन प्रो0 आर0 एल0 सिंह, कुलपति मेरठ विश्वविद्यालय ने किया तथा सम्मेलन को मुख्य अतिथि प्रसिद्ध इतिहासकार प्रो0 इरफान हबीब ने सम्बोधित किया। इस सम्मेलन में प्रो0 आई0 एन0 तिवारी (मेरठ विश्वविद्यालय) को अध्यक्ष तथा श्री बदन सिंह वर्मा (के0 जी0 के0 कालेज, मुरादाबाद) को महासचिव चुना गया।
परिषद का तृतीय सम्मेलन सन् 1983 में इस्माइल गल्र्स कालेज, मेरठ में सम्पन्न हुआ। उद्घाटन प्रो0 आर0 एल0 सिंह, कुलपति, मेरठ विश्वविद्यालय ने तथा मुख्य अतिथि प्रो0 एस0 आर0 महेश्वरी ने सम्बोधित किया। प्रो0 ए0 एफ0 उस्मानी (अलीगढ़) को अध्यक्ष तथा डा0 वीरेन्द्र शर्मा (बुलन्दशहर) को महासचिव चुना गया।
उ0प्र0 राजनीति विज्ञान परिषद् का चौथा सम्मेलन सन् 1984 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सम्पन्न हुआ। उद्घाटन कुलपति श्री सैयद हामिद साहब ने किया तथा प्रो0 एस0 एम0 पुरी (पंजाब विश्वविद्यालय) ने सम्बोधित किया।
पाँचवां सम्मेलन 1986 में एम0 उल0 के0 कालेज बलरामपुर, गोण्डा में सम्पन्न हुआ। उद्घाटन प्रो0 एस0 ए0 एच0 हक्की, अलीगढ़ विश्वविद्यालय ने किया। इस सम्मेलन में प्रो0 डा0 ए0 डी0 पन्त, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रो0 पी0 एन0 मसालदान, लखनऊ विश्वविद्यालय, प्रो0 वी0 के0 अरोरा, जयपुर जैसे विद्वानों ने भाग लिया। इस सम्मेलन में प्रो0 ए0 एफ0 उस्मानी (अलीगढ़ विश्वविद्यालय) तथा डा0 डी0 सी0 चतुर्वेदी (बड़ौत, मेरठ) को क्रमशः अध्यक्ष तथा महासचिव चुना गया।
परिषद का छटवाँ सम्मेलन फरवरी 1987 में फीरोज गाँधी महाविद्यालय, रायबरेली में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में प्रो0 ए0 डी0 पन्त, प्रो0 रघुवीर सिंह, प्रो0 पी0 डी0 कौशिक, प्रो0 सईद, लखनऊ विश्वविद्यालय आदि ने हिस्सा लिया।
आठवाँ सम्मेलन अक्टूबर 1988 में आगरा कालेज, आगरा में सम्पन्न हुआ। प्रो0 कृत्यानन्द (गोरखपुर विश्वविद्यालय) को अध्यक्ष चुना गया तथा डा0 अशोक जौहरी (एस0 बी0 कालेज, अलीगढ़) को महासचिव चुना गया। नौवाँ सम्मेलन जनवरी 1990 को लाल बहादुर शास्त्री कालेज, गोण्डा में सम्पन्न हुआ। इस सम्मेलन में प्रो0 कृत्यानन्द तथा डा0 अशोक जौहरी को पुनः अध्यक्ष एवं महासचिव पद हेतु चुना गया।
दसवाँ सम्मेलन डी0 ए-वी0 कालेज, वाराणसी में फरवरी 1991 में सम्पन्न हुआ। ग्यारहवाँ सम्मेलन सितम्बर 1993 में किशोरीमल कालेज, मथुरा में सम्पन्न हुआ। डा0 एम0 पी0 दुबे (नैनीताल) को अध्यक्ष तथा डा0 रंजन कुमार श्रीवास्तव (बलरामपुर) को महासचिव चुना गया।
बारहवाँ सम्मेलन कुमायूँ विश्वविद्यालय, नैनीताल में सम्पन्न हुआ। परिषद का तेरहवाँ सम्मेलन अक्टूबर 1995 में जे0 एस0 हिन्दू पी0जी0 कालेज, अमरोहा में सम्पन्न हुआ। डा0 एम0 पी0 दुबे (नैनीताल) को अध्यक्ष तथा डा0 रामकृष्ण जायसवाल (फैजाबाद) को क्रमशः अध्यक्ष तथा मंत्री चुना गया।
परिषद का चौदहवां सम्मेलन के0 एस0 साकेत पी0जी0 कालेज, फैजाबाद में मार्च 1998 में सम्पन्न हुआ। प्रो0 एस0 एम0 सईद (लखनऊ विश्वविद्यालय) को अध्यक्ष तथा डा0 रामकृष्ण जायसवाल (फैजाबाद) को महासचिव चुना गया। पन्द्रहवाँ सम्मेलन मई 2001 को बरेली कालेज, बरेली में सम्पन्न हुआ। प्रो0 ओमप्रिय श्रीवास्तव (काशी विश्वविद्यालय, बनारस) को अध्यक्ष तथा डा0 के0 सी0 दुबे (बरेली कालेज, बरेली) को महासचिव चुना गया। परिषद का सोलहवाँ सम्मेलन एम0 एस0 एच0 कालेज, गाजियाबाद में सम्पन्न हुआ किन्तु इस सम्मेलन में कार्यकारिणी का चुनाव सम्पन्न नहीं हुआ।
परिषद का 17वाँ सम्मेलन 2005 में एम0 एल0 कालेज, बलरामपुर में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता प्रो0 आलोक पन्त, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने की। मुख्य अतिथियों में प्रो0 रामकृष्ण मणि त्रिपाठी तथा डा0 महेश सिंह (सदस्यद्वय, उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश) एवं डा0 वी0 के0 राय (इलाहाबाद) विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। 25 अक्टूबर 2005 को परिषद की कार्यकारिणी का चुनाव सम्पन्न हुआ। चुनाव में सर्वसम्मति से डा0 रामकृष्ण जायसवाल (फैजाबाद) को अध्यक्ष तथा डा0 जगत नारायण श्रीवास्तव को महासचिव एवं कोषाध्यक्ष पद पर चुना गया।
परिषद का 18वाँ सम्मेलन वर्ष 2010 में डी0 ए-वी0 कालेज, कानुपर तथा डी0 बी0 एस0 कालेज, कानुपर के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में अतिथि के रूप में केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री प्रदीप जैन ‘आदित्य’, कांग्रेस विधायक अजय कपूर, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री डा0 ओमप्रकाश सिंह उपस्थित रहे। सम्मेलन में डा0 आदित्य कुमार (डी0 वी0 पी0जी0 कालेज, उरई) को अध्यक्ष तथा डा0 कपिल वाजपेयी (डी0 ए-वी0 कालेज, कानपुर) को महासचिव चुना गया।
परिषद एक पंजीकृत संस्था है। इसका सम्मेलन प्रति दो वर्ष में कार्यकारिणी के गठन के साथ सम्पन्न होता है। परिषद के सदस्यों की संख्या वर्तमान में लगभग 500 है। वर्ष में दो सेमीनारों का नियमित आयोजन प्रदेश में परिषद की ओर से किया जाता है। इसके साथ ही शोध कार्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से परिषद की ओर से एक शोध जर्नल (यू० पी० आफ पालिटिकल साइंस) का प्रकाशन भी किया जा रहा है।

Wednesday, February 3, 2010

news from bundelkhand today

नमस्कार
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सम्पादक - बुन्देलखण्ड टुडे
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डॉ0 आदित्य कुमार उत्तर प्रदेश राजनीति विज्ञान परिषद् के अध्यक्ष निर्वाचित
http://bundelkhandtoday.blogspot.com/2010/01/0.html

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आदित्य जी के अध्यक्ष बनने पर ख़ुशी का माहौल - बधाई पर बधाई
http://bundelkhandtoday.blogspot.com/2010/02/blog-post.html

यू० पी० पोलिटिकल साइंस एसोसिएशन का वार्षिक अधिवेशन





कानपुर । राजनीति विज्ञान के क्षेत्र में १९८० से कार्य कर रही प्रदेश प्रतिष्ठित संस्था U P Political Science Association का १८ वाँ वार्षिक अधिवेशन ३०-३१ जनवरी 2010 को दयानंद बृजेन्द्र स्वरुप महाविद्यालय कानपुर में संपन्न हुआ जिसका उदघाटन केन्द्रीय विकास राज्यमंत्री श्री प्रदीप जैन 'आदित्य ' ने किया।

इस अधिवेशन में निम्नांकित विषयों पर विषय विशेषज्ञों के पेनल बनाये गए जिनमें अनेक प्राध्यापकों एवं शोध छात्रों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये -
.राजनीतिक सिद्धांत
.अंतर्राष्ट्रीय राजनीति
.भारतीय शासन एवं राजनीति
. उत्तर प्रदेश की राजनीति
इस अधिवेशन में राजनीति विज्ञान के देश के अनेक विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किये । केन्द्रीय मंत्री द्वारा 'समाज विज्ञान अध्ययन केंद्र ' नई दिल्ली द्वारा प्रकाशी एवं प्रसिद्द राजनीतिक विशलेषक डा के० वर्मा द्वारा सम्पादित शोध पत्रिका ' शोधार्थी ' के नवीनतम अंक का भी विमोचन किया गया।
उदघाटन समारोह में कानपुर के विधायक श्री अजय कपूर , बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से प्रो ० अशोक उपाध्याय , ड़ी ० बी० एस ० कालेज के प्राचार्य श्री अशोक श्रीवास्तव एवं अनेक गणमान्य नागरिक तथा शिक्षाविद मौजूद थे।
अधिवेशन के दूसरे दिन ३१ जनवरी को अकादमिक सत्रों के बाद नवीन कार्यकारिणी का निर्वाचन संपन्न हुआ । अध्यक्ष पद पर बुन्देलखंड विश्वविद्यालय झाँसी से सम्बद्ध दयानंद वैदिक स्नातकोत्तर महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डा आदित्य कुमार निर्वाचित घोषित किये गए । कानपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध ड़ी ० ए ० वी कालेज के राजनीति विज्ञान के प्रोफ़ेसर डा कपिल बाजपेयी निर्विरोध महामंत्री निर्वाचित घोषित किये गए।
2010 के सम्मेलन में निर्वाचित कार्यकारिणी
अध्यक्ष - डा0 आदित्य कुमार
उपाध्यक्ष - डा0 आर0 के0 त्रिपाठी एवं डा0 प्रवीण कुमार
महामंत्री - डा0 कपिल वाजपेयी
संयुक्त मंत्री - डा0 रीना पाठक एवं डा0 अर्जुन मिश्र
जोनल सचिव - डा0 शफीउज्जमां , डा0 सुभाष राम ,डा0 सुजीत श्रीवास्तव
कार्यकारिणी सदस्य - डा0 मयंक कुमार जायसवाल ,डा0 अनुराग रत्न , डा0 दयाराम यादव,डा0इन्द्रमणि
मुख्य सम्पादक ( यू पी जर्नल आफ पालिटिकल साइंस )- डा ० आशुतोष सक्सेना
[पदेन सदस्य - डा ० आर ० के ० जायसवाल (निवर्तमान अध्यक्ष ) , डा ० जगत नारायण श्रीवास्तव
(निवर्तमान महामंत्री )]
अधिवेशन के समापन सत्र में मुख्य अतिथि श्री ओम प्रकाश सिंह ,पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री ,उ० प्र० सरकार ,ने नव निर्वाचित कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को बधाई देते हुए शिक्षकों से उच्च शिक्षा में नए प्रतिमानों को स्थापित करने का आवाहन किया।
पारिषद के नव निर्वाचित अध्यक्ष डा आदित्य कुमार ने साथी प्राध्यापकों का आभार व्यक्त करते हुये विश्वास व्यक्त किया कि वरिष्ठों के अनुभव तथा युवाओं की ऊर्जा से नई कार्यकारिणी एसोशियेशन को सक्रिय करने एवं एक सकारात्मक दिशा देने में सफल होगी ।
इस अधिवेशन का आयोजन डी० ए ० वी कालेज तथा डी ० बी ० एस ० कालेज कानपूर द्वारा संयुक्त रूप से किया गया जिसमें डा कपिल बाजपेयी एवं डा - आर के त्रिपाठी का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।